छोटा था, नादान था वो
लिया चाँद को कटोरा समझ के आसमान से छीन
उसमे भरा पानी
और ले गया तारो को नहलाने
चाँदनी ठंडी पड़ी थी
और जल रही थी रात
मन किया की उसे बतादु ये वास्तविकता नहीं है
तीरगी का समय है तेरा।
लिया चाँद को कटोरा समझ के आसमान से छीन
उसमे भरा पानी
और ले गया तारो को नहलाने
चाँदनी ठंडी पड़ी थी
और जल रही थी रात
मन किया की उसे बतादु ये वास्तविकता नहीं है
तीरगी का समय है तेरा।
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