मयूरपंख
Monday, 28 September 2015
कुदरत
कुदरत कभी फर्क नहीं करती
अगर सर्द हवाओ में ठिठुरती है झुग्गियां
तो सुहानी धुप का पोहचना नहीं हो पाता महलो तक।
अगर सारे पत्तो को सूख कर झड़ना होता है
तो एक साथ कई कोपलों का जन्म भी होता है।
1 comment:
Unknown
30 September 2015 at 22:04
आपका भविष्य उज्जवल होगा बस ऐसे ही लिखती रहो👍🏽👍🏽
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आपका भविष्य उज्जवल होगा बस ऐसे ही लिखती रहो👍🏽👍🏽
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