Monday 28 September 2015

स्वदेस

जब कोई आखिरी बार मुस्कुराए
तो समझिए वो उसका आखिरी दिन है उस शहर में
पर, कैसे पता चले की वो आखिरी मुस्कान है।
जब कलम रुका करे और मुस्कान के बाद भी मन मुरझाये
आपकी नींद खुले हड़बड़ी में
आपको आपका देस बुलाये। 

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